दिल्ली एक्साइज नीति मामले में सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि मनीष सिसोदिया भ्रष्टाचार के गंभीर केस के आरोपी हैं उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। सिसोदिया ऐसे मामलों में जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा नहीं करते, क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं। पहले ही सबूत नष्ट कर चुके हैं और पूछताछ के दौरान असहयोग कर रहे हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी की बीमारी कोई नई बात नहीं है, बल्कि उनका इलाज 23 साल से चल रहा है। खुद सिसोदिया दिल्ली हाईकोर्ट से ये याचिका वापस ले चुके हैं। ऐसे में उनको अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती।
मनीष सिसोदिया ने 14 जुलाई को पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। इस याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जवाब दाखिल करने को कहा था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आम आदमी पार्टी नेता राजधानी में शराब व्यापार पर एकाधिकार और गुटबाजी करने के लिए दक्षिण भारत के आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश में लगे हुए हैं। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के बारे में जनता की राय को गढ़ा था। वो दिल्ली में थोक और खुदरा शराब व्यापार के एकाधिकार और कार्टेलाइजेशन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक्साइज नीति में हेरफेर करने के लिए पूर्व-कल्पित विचार के साथ दक्षिण भारत के आरोपी व्यक्तियों और अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल हैं।
सीबीआई के जवाब में यह भी कहा गया कि सिसोदिया ऐसे मामलों में जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा नहीं करते हैं, क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं। पहले ही सबूत नष्ट कर चुके हैं और पूछताछ के दौरान असहयोग कर रहे हैं। यह हलफनामा सिसौदिया द्वारा दायर जमानत याचिका का विरोध करते हुए दायर किया गया है।
जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी) से जवाब मांगा था। उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में फंसे सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सीबीआई और ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई को ईडी मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। 30 मई को उसने इसी घोटाले के संबंध में सीबीआई मामले में सिसौदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी।