सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कथित सामूहिक बलात्कार मामले में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
नारायण को 20 फरवरी, 2023 को कलकत्ता उच्च न्यायालय की पोर्ट ब्लेयर सर्किट बेंच ने जमानत दे दी थी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत के खिलाफ राज्य और शिकायतकर्ता महिला द्वारा दाखिल अपील पर फैसला सुनाते हुए कहा ‘सभी याचिकाएं खारिज को जाती है।”शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट को इसमें शामिल सभी पक्षों से सहयोग के आश्वासन के साथ ट्रायल प्रक्रिया में तेजी लाने का भी निर्देश दिया।
महिला का आरोप है कि नारायण और अन्य ने उसे सरकारी नौकरी देने के बहाने पूर्व मुख्य सचिव के आवास पर ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया।
1 अगस्त को शीर्ष अदालत ने 21 वर्षीय महिला द्वारा दायर मामले में नारायण की जमानत को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।नारायण को दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में
उनके कार्यकाल के दौरान 1 अक्टूबर, 2022 को दर्ज एक प्राथमिकी के बाद पिछले साल 10 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। सरकार ने उन्हें पिछले साल 17 अक्टूबर को निलंबित कर दिया था।