उत्तरप्रदेश के आज़मगढ़ की एक स्थानीय अदालत ने हाल ही में अपर्याप्त सबूतों के आधार पर फर्जी पासपोर्ट मामले में एक अफगान नागरिक को बरी कर दिया है और पुलिस को उचित जांच नहीं करने के लिए जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 2 फरवरी 2020 को फूलपुर इलाके में गश्त के दौरान मिली सूचना के मुताबिक पुलिस ने अफगानिस्तान के रहने वाले किरामत उल्लाह अहमदजई को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने आरोप लगाया कि अफगान नागरिक को पहले साहिबे आलम नाम के व्यक्ति के साथ देखा गया था, जिसे कुछ दिन पहले फर्जी पासपोर्ट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से कमला शंकर गिरि समेत कुल 8 गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया गया।दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है कि आरोपी अहमदजई ने फर्जी पासपोर्ट बनवाया था या उसके पास कोई पासपोर्ट था।
इससे पहले शनिवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनीता ने अहमदजई को बरी कर दिया था।
साथ ही अदालत ने पुलिस महानिदेशक और जिला पुलिस अधीक्षक, आज़मगढ़ को जांच के दौरान लापरवाही बरतने के लिए जांच अधिकारी कमला शंकर गिरि के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।