उत्तरप्रदेश के लखनऊ की एक अदालत ने 2012 में दो लोगों की हत्या के मामले में एक हत्याभियुक्त को बुधवार को मौत की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीएस त्रिपाठी की अदालत ने “एकतरफा मामले” में एक महिला और उसके पति के दोस्त की हत्या करने के लिए गब्बर उर्फ सोहराब अली को मौत की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर 5,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय से मौत की सजा की पुष्टि के बाद अली को मृत्यु तक फांसी पर लटकाया जाए। इससे पहले, अदालत ने माना था कि जिस तरह से अली ने दोनों की हत्याएं कीं, वह जघन्यतम श्रेणी में आता है। अली को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया।
इस मामले में 2012 में मृतिका उर्वशी के पति हरि प्रकाश तिवारी ने हसनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी। बताया गया कि 9 अक्टूबर 2012 की रात करीब 8 बजे उर्वशी अपने दोस्त ओम प्रकाश के साथ अपने तीन साल के बेटे के लिए दवा लेने जा रही थी, तभी राम कृष्ण मठ के पास अली ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और चाकू मार दिया। सूचना पर तिवारी मौके पर पहुंचे और दोनों को अस्पताल ले जाया गया। उर्वशी को मृत घोषित कर दिया गया जबकि ओम प्रकाश की 17 अक्टूबर 2012 को इलाज के दौरान मौत हो गई।
सरकारी वकील केके साहू और दुष्यंत मिश्रा ने अली के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए दलील दी थी कि हत्याओं का तरीका वीभत्स था और हत्याओं को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था।