दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य को कथित नौकरी के बदले ज़मीन घोटाला मामले में जमानत दे दी है।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में सीबीआई ने किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया और यहां तक कि सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का भी विरोध नहीं किया है।
इस बीच, अदालत ने सीबीआई को मामले के सभी आरोपियों को नई आरोपपत्र की कॉपी देने का भी निर्देश दिया है।
इससे पहले, अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था और सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था।तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ, निजी व्यक्तियों सहित 17 आरोपियों के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था।
सीबीआई ने 18 मई, 2022 को तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
यह आरोप लगाया गया था कि 2004-2009 की अवधि के दौरान तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री ने ग्रुप “डी” पोस्ट में स्थानापन्न पदों की नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों आदि के नाम पर भूमि संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था।
यह भी आरोप लगाया गया कि जोनल रेलवे में स्थानापन्न की ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, फिर भी जो नियुक्त व्यक्ति पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।
सीबीआई ने कहा कि पहले दिल्ली और बिहार आदि सहित कई स्थानों पर तलाशी ली गई थी।