रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने गुरुवार को तारा शाहदेव धर्मांतरण मामले में सजा सुनाई, जिसमें उनके पूर्व पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा ने शाहदेव के पूर्व पति रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन को आजीवन कारावास, पूर्व सास कौशल रानी को 10 साल कैद और मुश्ताक अहमद को 15 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई साथ ही अदालत ने तीनों पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
इससे पहले 30 सितंबर को विशेष सीबीआई अदालत ने मामले में तीनों को दोषी ठहराया था और सजा की घोषणा के लिए अगली तारीख 5 अक्टूबर तय की थी।
रंजीत कोहली के वकील मुख्तार अहमद खान ने संवाददाताओं से कहा, “हम दोषसिद्धि को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे क्योंकि इसके लिए पर्याप्त सबूत हैं और हमें ऊपरी अदालत से न्याय मिलने का भरोसा है।”
इसके अलावा, शाहदेव ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने 7 जुलाई 2014 को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन से शादी की थी, लेकिन शादी के दूसरे दिन ही उसके पति और अहमद, जो उस समय सतर्कता रजिस्ट्रार के रूप में कार्यरत थे। उस पर धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव बनाने लगा।
2015 में सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली और दिल्ली में मामला दर्ज किया।
इससे पहले जून 2018 में, शाहदेव को क्रूरता के आधार पर रांची की एक पारिवारिक अदालत ने तलाक दे दिया था। उसने अदालत में याचिका दायर की कि हसन ने उसके धर्म के बारे में गलत जानकारी दी और उसे शादी के लिए धोखा दिया।
उसने हसन पर इस्लाम अपनाने से इनकार करने पर उसे प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था।