केरल उच्च न्यायालय ने दशकों पुराने ड्रेस कोड को संशोधित करते हुए महिला न्यायिक अधिकारियों को सफेद सलवार पहनने की भी अनुमति दे दी है, जिसका उद्देश्य बदलती जलवायु के कारण उन्हें होने वाली कठिनाइयों को कम करना है।
7 अक्टूबर को जारी एक सर्कुलर में हाई कोर्ट ने अपने 1970 के आदेश को संशोधित किया और कहा कि महिला न्यायिक अधिकारी काले कॉलर वाले ब्लाउज के साथ सफेद साड़ी के विकल्प के साथ-साथ हाई नेक कॉलर वाली सफेद सलवार का भी उपयोग कर सकती हैं।
इसमें कहा गया है कि काले और सफेद को छोड़कर अन्य सभी रंगों से परहेज किया जाएगा और पहनी जाने वाली पोशाक शालीन और सरल होनी चाहिए और एक न्यायिक अधिकारी की गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए।
नोट में कहा गया है की “महिला न्यायिक अधिकारियों द्वारा उच्च न्यायालय के ध्यान में यह लाया गया है कि ऊपर उल्लिखित परिपत्र (1970 परिपत्र) के अनुसार उनके लिए निर्धारित ड्रेस कोड जलवायु परिस्थितियों में बदलाव और अदालतों में ढांचागत कमियों के कारण कठिनाइयों का कारण बन रहा है।”
इसमें कहा गया है कि अधिकारी सफेद सलवार (पूरी या आधी आस्तीन), ऊंची गर्दन/कॉलर के साथ, मामूली फिट और टखने को ढकने वाली सफेद या काली कमीज, मुलायम/कड़े कॉलर के साथ काले पूरी आस्तीन वाले कोट/काली बनियान और बैंड और गाउन का विकल्प चुन सकते हैं।
एक कार्यक्रम के आयोजन के दौरान केरल न्यायिक अधिकारी संघ की बैठक में मुख्य न्यायाधीश ए जे देसाई ने ड्रेस कोड में बदलाव का जिक्र किया था।