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जालना नगर परिषद को निगम में बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने जारी किया नोटिस

Bombay HC

बंबई उच्च न्यायालय ने जालना नगर परिषद को नगर निगम में बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है।औरंगाबाद में बैठे जस्टिस आर वी घुगे और वाई जी खोबरागड़े की खंडपीठ ने पिछले हफ्ते राज्य शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव और जालना जिला कलेक्टर को नोटिस जारी किया और 11 दिसंबर तक जवाब मांगा है।

रिट याचिका कार्यकर्ता साईनाथ चिन्नादोरे, देवचंद सावरे, खान लियाकत अली, शरद देशमुख और ताराचंद ज़दीवाले द्वारा दायर की गई थी।वकील गणेश गढ़े और अनुज फुलफगर द्वारा प्रस्तुत याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि रूपांतरण का नगरपालिका करों, स्थानीय शासन और नागरिकों के कल्याण पर प्रभाव पड़ेगा।

याचिका में कहा गया है कि नागरिक निकाय को अपग्रेड करने का निर्णय बेहतर स्थानीय शासन की वास्तविक आवश्यकता के बजाय राजनीतिक और नौकरशाही हितों से प्रेरित हो सकता है।

इसमें कहा गया है कि यह संवैधानिक आवश्यकता के अनुरूप भी नहीं है कि तीन लाख से कम आबादी वाले क्षेत्रों को छोटे शहरी क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए और नगरपालिका परिषदों द्वारा प्रशासित किया जाना चाहिए।इस साल की शुरुआत में नागरिक निकाय को एक निगम में अपग्रेड किया गया था।

2011 की जनगणना के अनुसार मध्य महाराष्ट्र के जालना शहर की आबादी लगभग 2.25 लाख थी।

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About the Author: Neha Pandey

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