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पब्लिक फण्ड में हेरा-फेरीः जांच में सहयोग करे तीस्ता सीतलवाड़, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को धन के कथित दुरुपयोग के लिए उनके खिलाफ दायर मामले में गुजरात पुलिस के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एसके कौल, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलील के बाद आदेश पारित किया, जिन्होंने कहा कि दोनों व्यक्ति चल रही जांच में पूरा सहयोग नहीं करना होगा।

पीठ ने टिप्पणी की, “अभी तक आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है। एएसजी का मानना ​​है कि सहयोग की कमी है। जैसा भी हो, उत्तरदाता आवश्यकता पड़ने पर जांच में सहयोग करेंगे।” यह तब हुआ जब अदालत ने मामले में सीतलवाड को अग्रिम जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली गुजरात सरकार की याचिका का निपटारा कर दिया।
शीर्ष अदालत ने सीतलवाड की उस याचिका का भी निपटारा कर दिया, जिसमें उन्होंने अग्रिम जमानत देते समय गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा 8 फरवरी, 2019 के फैसले में की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग की थी।

धन की कथित हेराफेरी से जुड़ा मामला अहमदाबाद अपराध शाखा ने एक शिकायत के आधार पर दर्ज किया था, जिसमें सीतलवाड और आनंद पर 2008 और 2013 के बीच अपने एनजीओ, सबरंग ट्रस्ट के माध्यम से केंद्र सरकार से कुल 1.4 करोड़ रुपये का अनुदान “धोखाधड़ी” से हासिल करने का आरोप लगाया गया था।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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