सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्यसभा से निलंबित आम आदमी विधायक राघव चड्ढा को राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने के निर्देश दिए है। सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि राज्यसभा अध्यक्ष भी इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से दिवाली की छुट्टियों के बाद मामले में हुए घटनाक्रम से उसे अवगत कराने को कहा।
सीजेआई ने कहा कि विधायक को इस मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए राज्यसभा अध्यक्ष से मिलना होगा। उपराष्ट्रपति पूरे मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं और इस संबंध में आगे कदम उठा सकते हैं। चड्ढा 11 अगस्त से निलंबित हैं। राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक की जांच के लिए एक चयन समिति के गठन प्रस्ताव पर राघव चड्ढा ने बीजेपी सांसदों के नाम उनकी सहमति के बिना ही जोड़ दिए थे और उसे सदन की कार्यवाही के सामने पेश कर दिया था। राघव चड्ढा की इस कदम का बीजेपी सांसदों ने विरोध किया और बाद में राज्यसभा अध्यक्ष ने राघव चड्ढा को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया।
यह आरोप लगाया गया था कि पंजाब से राज्यसभा सांसद ने दिल्ली सेवा विधेयक को चयन समिति को सौंपने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने कथित तौर पर कुछ सांसदों को प्रस्तावित समिति के सदस्यों के रूप में नामित किया था और दावा किया गया था कि कुछ सांसदों ने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी थी। शिकायत पर ध्यान देते हुए चेयरमैन ने विशेषाधिकार समिति की जांच लंबित रहने तक चड्ढा को निलंबित कर दिया।
उधर, विशेषाधिकार समिति की एक बैठक आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा द्वारा दायर एक मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में हुई। शुक्रवार को हुई बैठक में आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा समेत कुछ सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की लंबित शिकायतों पर चर्चा की गई।
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लीगली स्पीकिंग’को विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विशेषाधिकार समिति ने चड्ढा से 7 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है और पैनल के सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 8 नवंबर को फिर से मिलेंगे।
समिति सांसद राघव चड्ढा, संजय सिंह और डेरेक ओ ब्रायन के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायतों के लंबित मामलों की जांच कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक संसदीय सौंध में हुई बैठक के दौरान सदस्यों ने विशेषाधिकार हनन के मामलों में समिति की रिपोर्ट पर शीघ्र कार्रवाई करने और उसे अंतिम रूप देने की मांग की। इसके बाद रिपोर्ट काउंसिल ऑफ स्टेट्स के सामने पेश की जाएगी।
संयोग से, राघव चड्ढा और संजय सिंह दोनों वर्तमान में सदन से निलंबित हैं। चड्ढा 11 अगस्त से निलंबित हैं।
शीर्ष अदालत ने चड्ढा को चयन समिति के मुद्दे पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है और उम्मीद जताई है कि वह इस मामले में “सहानुभूतिपूर्ण” रुख अपनाएंगे।