सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी की “केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं” के लिए दायर आपराधिक मानहानि मामले में अहमदाबाद की एक अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने शिकायतकर्ता को भी नोटिस जारी किया और यादव द्वारा मुकदमे को गुजरात से ‘स्थानांतरित करने की मांग वाली स्थानांतरण याचिका पर जवाब मांगा है।पिछले सप्ताह यादव के वकील ने अहमदाबाद की एक ट्रायल कोर्ट को सूचित किया था कि उन्होंने आपराधिक मानहानि मामले को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निरोधक एवं अपराध निरोधक परिषद नामक संगठन के उपाध्यक्ष हरेशभाई मेहता ने राष्ट्रीय जनता दल नेता के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी।उनके कथित तौर पर यह कहने के बाद कि “केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं” गुजरात के अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज की गई थी।
तेजस्वी यादव ने इस साल मार्च में कहा था, “वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनकी धोखाधड़ी (अपराध) को माफ कर दिया जाएगा। एलआईसी और बैंक का पैसा मिलने के बाद अगर वे भाग जाते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?”
मानहानि मामले में, मेहता ने कहा कि बयान सार्वजनिक रूप से दिया गया था और पूरे गुजराती समुदाय को ठग कहना सभी गुजरातियों को सार्वजनिक रूप से बदनाम और अपमानित करता है।