मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 10 को हाईकोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार देने के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को राहत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में लव जिहाद पर रोक लगाने के लिए रिलीजियस फ्रीडम एक्ट पास किया था। इसी एक्ट की धारा 10 को जबलपुर हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था। जबलपुर हाईकोर्ट ने इस धारा को अंसवैधानिक करार दिया था। मध्य प्रदेश सरकार जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।
इससे पहले जबलपुर हाईकोर्ट ने कोर्ट ने साफ किया कि अगर दो व्यस्क नागरिक अपनी मर्जी से अलग जाति या धर्म में शादी कर रहे हैं तो उन पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। जबलपुर हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश सुनाते हुए मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 10 को असंवैधानिक करार दिया था।
जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ऐसे किसी भी शख्स पर कार्रवाई करने से रोक दिया था जो धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 10 का उल्लंघन करता है।जबलपुर हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश सुनाते हुए मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 10 को असंवैधानिक करार दिया है।इस धारा के तहत दूसरे धर्म में शादी करने वाले को जिला मजिस्ट्रेट यानी कलेक्टर को शादी के 60 दिन पहले सूचना देना अनिवार्य किया गया था और ऐसा ना करने पर 2 साल तक कैद की सजा का प्रावधान किया गया था।