केरल लोकायुक्त ने सोमवार को सीएम पिनाराई विजयन और उनके कैबिनेट सहयोगियों द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
याचिका को लोकायुक्त न्यायमूर्ति सिरिएक जोसेफ और उप-लोकायुक्त न्यायमूर्ति बाबू मैथ्यू पी जोसेफ और हारुन-उल-रशीद की 3 सदस्यीय पीठ ने खारिज कर दिया है।
यह फैसला शिकायतकर्ता आरएस शशिकुमार की याचिका पर आया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि सीएम और उनके मंत्रिपरिषद ने “लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया, कि वे व्यक्तिगत हित और भ्रष्ट उद्देश्यों से प्रेरित थे और वे भ्रष्टाचार, पक्षपात और भाई-भतीजावाद के दोषी थे” ।
इस साल मार्च में लोकायुक्त जस्टिस सिरिएक जोसेफ और जस्टिस हारुन-उल-रशीद ने इस मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया क्योंकि उनके बीच इस बात पर मतभेद था कि क्या कैबिनेट के फैसलों की जांच की जा सकती है और साथ ही इस बात पर भी कि क्या कैबिनेट के फैसलों की जांच की जा सकती है।
शशिकुमार की शिकायत में राकांपा नेता दिवंगत उझावूर विजयन, पूर्व सीपीआई (एम) विधायक दिवंगत केके रामचंद्रन नायर और एक दुर्घटना में मारे गए एक नागरिक पुलिस अधिकारी प्रवीण के परिवार को फंड से वित्तीय सहायता स्वीकृत करने में “पक्षपात” का आरोप लगाया गया।
शिकायतकर्ता ने फंड के दुरुपयोग के लिए मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी।