दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली महिला आयोग को निर्देश दिया कि वह उन्नाव बलात्कार पीड़िता की शादी और बच्चे के जन्म को ध्यान में रखते हुए उसे अलग आवास देने को कहा है।
इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को नाबालिग से रेप का दोषी ठहराया गया था।
कोर्ट ने कहा है कि पीड़िता और उसके परिवार को खतरे के मद्देनजर सरकारी आवास के साथ-साथ सुरक्षा भी प्रदान की जाए और उत्तर प्रदेश सरकार किराए की प्रतिपूर्ति करेगा।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने अब डीसीडब्ल्यू को पीड़िता को 4 सप्ताह के भीतर अलग आवास उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
पीठ ने यह भी कहा कि यूपी सरकार आवास के किराए की प्रतिपूर्ति जारी रखेगी। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अदालत के आदेश के बिना आवास नहीं छीना जाएगा। वकील ऋषिकेष कुमार डीसीडब्ल्यू की ओर से पेश हुए और कहा कि वे 4 सप्ताह के भीतर अलग आवास की पहचान कर लेंगे। उन्होंने अदालत से उत्तर प्रदेश सरकार को आवास के किराए की प्रतिपूर्ति जारी रखने का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया।