मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की विशेष अदालत ने हाल ही में फ्लैट खरीदारों को धोखा देने के संबंध में ईडी द्वारा दायर एक शिकायत पर संज्ञान लिया है।
ईडी ने 18 नवंबर को देहरादून की विशेष अदालत में मेसर्स पुष्पांजलि रियलम्स एंड इंफ्राटेक लिमिटेड के निदेशकों समेत अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और निर्दोष फ्लैट खरीदारों को ठगने के मामले में शिकायत दर्ज की थी।
इसके अलावा, ईडी ने राजपुर पुलिस स्टेशन, देहरादून द्वारा मेसर्स पुष्पांजलि रियलम्स एंड इंफ्राटेक लिमिटेड, उसके निदेशकों और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और निर्दोष फ्लैट खरीदारों को धोखा देने के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। कंपनी की निर्माण परियोजनाओं के संबंध में फ्लैटों की बुकिंग के लिए अग्रिम भुगतान लेना।
ईडी की जांच में पता चला कि फ्लैट खरीदारों से प्राप्त अग्रिम बुकिंग की राशि को कंपनी के निदेशकों ने अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया और उसे अपने नाम और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्तियों की खरीद में निवेश किया। इस मामले में अपराध की कुल आय रु. 31.15 करोड़ है।
इससे पहले, जांच के दौरान, ईडी ने मेसर्स पुष्पांजलि रियलम्स एंड इंफ्राटेक लिमिटेड के निदेशक राजपाल वालिया और शेफाली वालिया को क्रमशः 12 अक्टूबर, 2023 और 23 सितंबर, 2023 को जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। पीएमएलए, 2002 के तहत और ये दोनों वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी पहले ही करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क कर चुका है। पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत मेसर्स पुष्पांजलि रियलम्स एंड इंफ्राटेक लिमिटेड और उसके निदेशकों के 31.15 करोड़ रुपये, जिसकी पुष्टि एलडी के निर्णायक प्राधिकारी द्वारा की गई है।