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धोखाधड़ी मामला: SC ने चंदा कोचर की जमानत के खिलाफ CBIकी याचिका पर सुनवाई टाली

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई 3 जनवरी, 2024 तक के लिए टाल दी है।

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कोचर परिवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई की दलीलों पर ध्यान दिया कि वह मामले पर बहस करने के लिए उसके समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होना चाहेंगे। दरअसल देसाई, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो रहे थे लेकिन कुछ कनेक्टिविटी मुद्दे थे इस लिए उन्होंने सुनवाई टालने की मांग की थी।

सीबीआई के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने स्थगन के लिए देसाई की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सुनवाई बुधवार को होगी और लंबी अवधि के लिए स्थगित नहीं की जाएगी। इसके बाद पीठ ने इसकी सुनवाई अगले साल तीन जनवरी को तय की हैं।

16 अक्टूबर को पीठ ने बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मामले में उन्हें दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर कोचर से जवाब मांगा था।

एएसजी राजू ने कहा कि उच्च न्यायालय एक गलत धारणा पर आगे बढ़ा कि आईपीसी की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) पर विचार किए बिना अपराध अधिकतम 7 साल की कैद की सजा के साथ दंडनीय है, जिसमें सजा दस साल से ज्यादा भी हो सकती है।

पीठ ने राजू से पूछा कि जब यह एक निजी बैंक था तो आईपीसी की धारा 409 (एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) कैसे लागू हुई। कानून अधिकारी ने जवाब दिया कि बैंक निजी हो सकता है लेकिन मामला सार्वजनिक धन से जुड़ा है।

बाद में, शीर्ष अदालत ने चंदा कोचर और उनके पति को दी गई 2 सप्ताह की अंतरिम जमानत को बार-बार बढ़ाने पर आपत्ति नहीं जताने के लिए जांच एजेंसी की खिंचाई की थी।

इस साल 9 जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दंपति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुसार नहीं थी। इसके खिलाफ सीबीआई ने शीर्ष अदालत में अपील की।

जमानत मिलने के एक दिन बाद, चंदा कोचर मुंबई की भायखला महिला जेल से बाहर आ गईं, जबकि उनके पति को आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया।

उच्च न्यायालय ने माना कि कोचर की गिरफ्तारी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का उल्लंघन है, जो संबंधित पुलिस अधिकारी के समक्ष उपस्थिति के लिए नोटिस भेजने का आदेश देती है।

वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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