संसद की सुरक्षा में सेंध का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि 13 दिसंबर 2023 को लोकसभा में हुई घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से करवाई जाए। यह याचिका अबु सोहेल दाखिल की है। अबु सोहेल ने याचिका में कहा है कि संसद की सुरक्षा में सेंध का मामला गंभीर है। अतः इसकी जांच स्वतंत्र, विश्वसनीय, निष्पक्ष और न्यायिक जांच करवाई जाए।
दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन नाम के दो युवक दर्शक दीर्घा से सासंदों के बीच कूद पड़े थे। इन दोनों ने अपने जूतों में स्मोक बम छिपाए हुए थे। जैसे ही सांसदों और सुरक्षाकर्मियों ने इन्हे पकड़ा वैसे ही संसद में इन्होंने स्मोक बम को छोड़ दिया। ठीक उसी समय संसद के बाहर अमोल शिंदे और नीलम सिंह सरकार विरोधी नारे लगाते हुए गिरफ्तार कर लिए गए।
पुलिस ने इस मामले में कथित मास्टर माइंड ललित झा सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर आतंकवाद निरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु की है। इस संबंध में पुलिस ने लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिख कर मनोरंजन और सागर शर्मा को पास जारी करने की सिफारिश करने वाले बीजेपी सांसद से पूछताछ की इजाजत मांगी है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सागर शर्मा के लखनऊ स्थित घर, नीलम सिंह के हरियाणा स्थित घर के अलावा मनोरंजन और ललित झा के घरों की तलाशियां ली हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन लोगों के घरों से आपत्तिजनक चीजें मिली हैं। जिनसे यह पता चलता है कि संसद की सुरक्षा में सेंध की कोशिश लगभग 2 साल पहले से की जा रही थी।
संसद की सुरक्षा में सेंध के आरोपियों में एक नीलम के वकीलों ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी लगाकर एफआई की कॉपी मांगी जिस पर अभियोजन पक्ष के वकीलों ने कहा कि यह मामला देश की संसद की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है इसलिए एफआईआर की कॉपी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।