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सेम सेक्स मैरिज पर बहस अधूरी, अगले हफ्ते फिर बैठेगी संविधान पीठ, पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने रखे कई ऑबर्जवेशन

Same Sex

सेमसेक्स मैरिज को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने चल रही बहस अभी जारी है। गुरुवार को भी सेमसेक्स मैरिज के पक्ष में याचिका डालने वाले वकीलों को सुना गया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पीठ अगले हफ्ते फिर से चार दिन सुनवाई जारी रखेगी और फिर फैसला सुनाया जाएगा।

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 1954 में विशेष विवाह अधिनियम लागू होने के बाद से विवाह से संबंधित कानून महत्वपूर्ण रूप से विकसित हुआ है। कानून ने दो सहमति देने वाले व्यक्तियों को उनके व्यक्तिगत कानूनों के बाहर नागरिक विवाह के एक रूप की अनुमति दी है।
“समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करके, हमने न केवल एक ही लिंग के सहमति देने वाले वयस्कों के बीच व्यवहार करने वाले संबंधों को मान्यता दी है, बल्कि हमने यह भी माना है कि जो लोग समान लिंग के हैं वे भी स्थिर संबंधों में होंगे…विवाह जैसा रिश्ता।”
“समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करके, हम स्वीकार करते हैं कि समलैंगिक संबंध केवल शारीरिक संबंधों के रूप में नहीं हैं बल्कि एक स्थिर, भावनात्मक संबंध से कुछ अधिक हैं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या दो पति-पत्नी के बीच विवाह के लिए द्विआधारी लिंग की आवश्यकता होती है।
“हमें विवाह की विकसित धारणा को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है। क्‍योंकि क्‍या विवाह के लिए द्विलिंगी दो पत्‍नियों का होना एक आवश्‍यक आवश्‍यकता है?”

एडवोकेट राजू रामचंद्रन ने समलैंगिक विवाह के एक शहरी अभिजात्य अवधारणा होने के केंद्र के दावों को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने पंजाब और हरियाणा के छोटे शहरों से एक जोड़े का प्रतिनिधित्व किया, जिन्हें सुरक्षा के लिए दिल्ली जाना पड़ा।

शाम को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान पीठ सोमवार को सुबह साढ़े 11 बजे से एक फिर बैठेगी और समलैंगिक शादी के खिलाफ आई याचिकाओं पर बहस सुनी जाएगी।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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