दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग जुड़े मामलें में जेल में सजा काट रही चित्रा रामकृष्ण की जमानत मंजूर कर ली है। उनके ऊपर गैर कानूनी रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भ्रष्टाचार करने और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है |
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की चार्जशीट के अनुसार फोन टैपिंग का मामला 2009 से 2017 की अवधि से संबंधित है। उस वक्त जएनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण, रामकृष्ण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी और प्रमुख महेश हल्दीपुर और अन्य ने एनएसई और उसके कर्मचारियों को धोखा देने की साजिश रची और उनका मुख्य उद्देश्य एनएसई की साइबर कमजोरियों को समय समय पर अध्ययन करना था और अवैध रुप से कर्मचारियों का फोन टैप करने के लिए आई.एस.ई.सी.सर्विसेज लिमिटेड को नियुक्त किया |
इससे पहले जमानत अर्जी पर चित्रा रामकृष्ण के वकील ने तर्क दिया है कि उनके खिलाफ कोई ऐसा अपराध नहीं बनता है पीएमएलए एक्ट के अंतर्गत आता हो।
चित्रा रामकृष्ण कि 2009 मे ज्वाइंट एम.डी के रुप में नियुक्ति हुई और 31 मार्च 2013 तक वो इसी पद पर रहीं थी। 1 अप्रेल 2013 को उन्हें एम.डी और सीईओ के रुप में पदोन्नत किया गया। दिसंबर 2016 में वो रिटायर्ड हो गई थीं।