दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने शुक्रवार को कंझावला केस में आरोपी आशुतोष भारद्वाज को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने घटना के वक्त कार में उसकी मौजूदगी साबित करने के लिए रिमांड मांगी। पुलिस ने कहा कि संदेह है कि आशुतोष कार में था लेकिन उसने अन्य आरोपी दीपक को चालक के रूप में बताया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या ने आरोपी आशुतोष भारद्वाज की 3 दिन की पुलिस हिरासत मंजूर कर ली।शुक्रवार को मामले में गिरफ्तारी के बाद आशुतोष को रोहिणी अदालत में पेश किया गया था। जांच अधिकारी (आईओ) ने अदालत को बताया कि आरोपी ने सबूत नष्ट कर दिए। जांच अधिकारी (आईओ) ने यह भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज में घटना के वक्त कार में पांच लोग दिख रहे हैं। फुटेज साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि सीडीआर के जरिए उसकी पहचान स्थापित की जानी है
सुनवाई के दौरान मौजूद सहायक पुलिस आयुक्त ने दलील दी कि आशुतोष भारद्वाज वह व्यक्ति हैं जिन्होंने कथित तौर पर दीपक को फसाया था। एसीपी ने अदालत से कहा, “वह खुद को बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है।”अदालत ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 182 भी उसके खिलाफ गलत सूचना देने के लिए करवाई की जा सकती है। जिसपर जांच अधिकारी ने कहा एक आरोपी अंकुश फरार है। अन्य आरोपितों से उसकी फोन पर बातचीत होती थी। उसने उन्हें बुलाया और घटना के बाद फरार होने के लिए उनके लिए एक ऑटोरिक्शा की व्यवस्था की।
वही शाम को आरोपी अंकुश ने थाने में जा कर खुद को सरेंडर कर दिया। दिल्ली के खंजावाला में नए साल की रात हुई भयावह घटना में एक 20 वर्षीय लड़की की मौत एक कार द्वारा कई किलोमीटर तक घसीटे जाने के बाद हो गई, जिसने उसके स्कूटर को टक्कर मार दी थी।