दिल्ली हाईकोर्ट से सोमवार को पीएफआई के पूर्व प्रमुख ई अबूबकर को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने ई अबूबकर को जेल की बजाय हाउस अरेस्ट में रखने की याचिका खारिज कर दिया है।
दिल्ली कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब अबूबकर खराब स्वास्थ्य के आधार पर ज़मानत मांग रहे तो फिर हाउस अरेस्ट की क्या ज़रूरत है? हम आपको घर के बजाए हॉस्पिटल भेजेगें।
कोर्ट ने अबूबकर के बेटे को 22 दिसंबर को एम्स में चिकित्सा परामर्श के लिए साथ जाने की इजाज़त दी।एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को डॉक्टरों को सलाह के मुताबिक रिपोर्ट पेश करने को कहा। कोर्ट 6 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई करेगा।
दरअसल अबुबकर के वकील ने कहा था कि 70 साल कैंसर और पार्किंसंस रोग से पीड़ित हैं, जिन्हें तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता है। अदालत ने तब एनआईए को चिकित्सा उपचार के लिए याचिका के जवाब में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। जिसपर एनआइए ने कहा था कि “हमने एम्स की रिपोर्ट के साथ एक स्थिति रिपोर्ट दायर की है। वह बिल्कुल ठीक हैं। उनका इलाज चल रहा है। जब भी उसकी आवश्यकता होती है, उसे वहां (अस्पताल) ले जाया जाता है।”
अबूबकर को एनआईए ने इस साल की शुरुआत में प्रतिबंधित संगठन पर भारी कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।