दिल्ली हाई कोर्ट की जज प्रतिभा एम सिंह ने गुरुवार को कार्यकर्ता शेहला रशीद की एक याचिका पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया। शेहला रशीद ने अपनी याचिका में राशीद ने एक समाचार चैनल और टीवी पत्रकार से मांग की है कि वे उनके खिलाफ कथित रूप से मानहानिकारक विषय वस्तु प्रसारित करके उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए उनसे स्पष्ट रूप से माफी मांगे। दरसअल इस टीवी कार्यक्रम के दौरान राशीद के पिता ने उन पर आरोप लगाए थे।
जस्टिस सिंह ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकती और इसे किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
वही ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ (एनबीडीए) ने इस याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है और ‘जी न्यूज’ ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है।
हाईकोर्ट ने 16 सितंबर, 2022 को जेएनयू छात्र संघ की पूर्व नेता राशीद की याचिका पर ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी’ (एनबीडीएसए), एनबीडीए, जी न्यूज और इसके पूर्व एंकर सुधीर चौधरी को नोटिस भेजकर उनका जवाब मांगा था।
राशीद ने अपनी उस शिकायत पर एनबीडीएसए ने 31 मार्च, 2022 को पारित एक आदेश में संशोधन का अनुरोध करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पक्ष को प्रसारित किए बिना केवल उनके पिता के बयान के आधार पर उनकी ‘‘आलोचना’’ की गई और उन्हें ‘‘बदनाम’’ किया गया।
एनबीडीएसए ने अपने आदेश में समाचार चैनल को रशीद संबंधी कार्यक्रम के लिंक हटाने का निर्देश दिया देते हुए कहा था कि इस कार्यक्रम के प्रसारण ने उसके प्रति पूर्वाग्रह पैदा किया था।
याचिकाकर्ता ने कहा कि प्राधिकरण ने प्रसारक को माफी मांगने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। याचिका में कहा गया है, ‘‘इस तरह का अनुचित इनकार पूरी तरह से मनमाना और गैर कानूनी है।’’