हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली दंगों की आरोपी गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू की। गुलफिशा फातिमा के वकील ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित होता हो कि उसकी मुवक्किल ने सीएए विरोध के दौरान कोई भाषण दिया या दंगों के के दौरान मिर्च पाउडर का इस्तेमाल किया हो। फ़ातिमा की ओर से उसके वकील ने यह भी तर्क दिया कि कुछ लोगों के समूह में मौजूदगी होने से दोष नहीं ठहराया जा सकता है। दरअसल निचली अदालत में 17 मार्च, 2022 को जमानत याचिका खारिज होने के बाद गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई है। गुलफिशा फातिमा पर पुलिस ने यूएपीए के तहत अपराध पंजीकृत किया है।
गुलफिशां फातिमा की जमानत याचिका की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की विशेष खंडपीठ ने की। याचिकाकर्ता गुलफिशां फातिमा के वकील ने कहा कि किसी भी घटना से संबंधित किसी भी गवाह का कोई स्पष्ट बयान नहीं है। जब याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया गया था तब भी केवल एक गवाह का बयान था।
उनके वकील ने अदलात में दलील दी कि मौजपुर में जो हुआ उसके संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उस प्राथमिकी में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता मेट्रो स्टेशन जाफराबाद में धरने में शामिल थी। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में 2 मामले दर्ज किए। आरोप के मुताबिक गुलफिशा दो मीटिंग में मौजूद थी। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल एक बैठक में मौजूद थी जिसमें उमर खालिद ने भाग लिया था, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उसने बैठक में कुछ भी कहा। वह कथित तौर पर चांद बाग में एक गुप्त बैठक में भी शामिल हुई थी।
दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत उत्तर-पूर्व दिल्ली हिंसा से जुड़े एक बड़े षड्यंत्र के आरोप में गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था। ऐसा आरोप है कि वह जाफराबाद में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर रही थी। कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं। हालांकि, जाफराबाद में अमन नामके युवक दंगों में हुई मौत के मामले में कोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी। गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई सोमवार 9 जनवरी को जारी रहेगी। अब अभियोजन पक्ष और सरकार की ओर से गुलफिशा को जमानत न दिए जाने के तर्क अदालत के सामने रखे जाएंगे।