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सुकेश चंद्रशेखर जैसे एक और ‘कॉनमैन’ को दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इंकार

Delhi High court, conman Bail

केंद्रीय गृह मंत्री के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले सुकेश चंद्रशेखर जैसे एक और ‘कॉनमैन’ को सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। दिल्ली पुलिस की एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था कि आरोपी और अन्य लोग केंद्रीय गृह मंत्री के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा दे रहे थे। शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी के माध्यम से प्रवाल चौधरी की बृजेश रतन और एक राहुल शाह से मुलाकात हुई थी। शिकायत के अनुसार, बृजेश रतन ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री के बेटे जय शाह का बिजनेस पार्टनर बताया। बृजेश रतन ने दावा किया कि उनके पिता के साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साथ व्यापारिक संबंध थे।

बृजेश रतन पर कुछ काम कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक की व्यवस्था करने के एवज में 2 करोड़ रुपये लेकर सरकार को धोखा देने का भी आरोप है। पिछले गुरुवार को जारी एक फैसले में, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि अपराध की गंभीरता यह थी कि शिकायतकर्ता को धोखा देने के लिए ऐसे संवैधानिक प्राधिकरण और उसके परिवार के नामों का इस्तेमाल किया गया है। मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, अभियुक्त-आवेदक को अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं है।

आदेश जारी करते हुए, अदालत ने कहा कि उसका ध्यान इस तथ्य की ओर निर्देशित किया गया था कि इस मामले में जांच अपने प्रारंभिक चरण में है। साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जब शिकायतकर्ता 28 मार्च, 2022 को बृजेश रतन के कार्यालय में आया, तो बृजेश रतन ने शिकायतकर्ता से टोकन मनी के लिए कहा, जो बृजेश रतन के कार्यालय में रखे दो डिब्बों में लाया गया था, और शिकायतकर्ता के कार्यालय से चले जाने के बाद, बृजेश रतन ने प्रार्थी-आरोपी से कहा कि नकदी गिनकर दूसरे बैग में ट्रांसफर कर लें। स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, जांच के दौरान सामने आया कि याचिकाकर्ता ने 2 करोड़ रुपये की नकदी की गिनती की और उसे कार्टन से बैग में ट्रांसफर किया.

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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