झारखण्ड के कैश कांड से लेकर दिल्ली दंगों के आरोपियों तक की बेल अर्जियां विभिन्न अदालतों में लगी हैं। विंटर वेकेशन से पहले याचिकाकर्ताओं की मंशा जमानत हासिल करने की है। उनके वकील अदालत के सामने अपने तर्क जोरदार तरीके रखेंगे तो अभियोजन पक्ष भी उनकी काट करेगा। शुक्रवार 16 दिसंबर को विभिन्न अदालतों में सूचीबद्ध मामलों की जानकारी के लिए देखें कोर्ट एट ए ग्लांस-
- मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों में और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए ओबीसी आरक्षण को 14 फ़ीसदी से बढ़ाकर 27 फ़ीसदी किए जाने पर रोक लगाने वाले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करने की मांग पर SC सुनवाई करेगा।
जया ठाकुर की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के इस आदेश के चलते इन सालों में पिछले 4 सालों में सरकारी नौकरियों में भर्तियां बंद हो गई है।
- जेल में बंद कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 16 दिसंबर को सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में अमित अग्रवाल की ओर से पेश रंजिता रोहतगी ने कहा था कि जिस राजीव कुमार के खिलाफ अमित अग्रवाल ने शिकायत की थी उन्हें तो जमानत मिल गई है, फिर मेरे क्लाइंट को जमानत क्यों नहीं दी जा रही है। उन्हें सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उन्होंने राजीव कुमार की शिकायत की थी। झारखंड हाईकोर्ट अमित अग्रवाल की जमानत याचिका ख़ारिज कर चुका है। झारखंड हाईकोर्ट ने कैश कांड के षड्यंत्र की जांच सीबीआई को करने का आदेश दिया है।
- 2020 के दिल्ली हिंसा मामले में गुलफिशा फातिमा की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट 16 दिसंबर को सुनवाई करेगा। फातिमा ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें 2020 में हुई दिल्ली हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में उनकी जमानत से इनकार कर दिया गया था। फातिमा को फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
- जेएनयू के.पूर्व छात्र शरजील इमाम द्वारा 2020 में हुए दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट 16 दिसंबर को सुनवाई करेगा। इमाम पर उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज है. इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गयी थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे. नागरिकता (संशोधन) कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़की थी.
- प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके तीन सदस्यों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दायर आरोप पत्र पर पटियाला हाउस कोर्ट 16 दिसंबर को सुनवाई करेगा। आरोपपत्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के अलावा परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत को भी आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है। ईडी की तरफ से चार्जशीट में बताया गया कि आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने PFI की ओर से नकद दान में सक्रिय भूमिका निभाई है और अज्ञात और संदिग्ध स्रोतों के जरिये PFI की बेहिसाब नकदी को बेदाग और वैध बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई है।