दिल्ली उच्च न्यायालय ने विपक्षी गठबंधन द्वारा आई.एन.डी.आई.ए नाम के इस्तेमाल के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर 26 राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) के उपनाम के तौर पर इंडिया का उपयोग करने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया हैं। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और 26 विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता गिरीश उपाध्याय ने अपनी याचिका में दावा किया है की कई राजनीतिक दलों का एक समूह आई.एन.डी.आई.ए का इस्तेमाल निर्दोष नागरिकों की सहानुभूति और वोट हासिल करने करने के लिए कर रहे है। उन्होंने कहा चिंगारी जो राजनीतिक घृणा को जन्म दे सकती है जो अंततः राजनीतिक हिंसा को जन्म देगी।
याचिका में आरोप लगाया गया कि राजनीतिक दल दुर्भावनापूर्ण इरादे से संक्षिप्त नाम इंडिया का उपयोग कर रहे हैं जो न केवल हमारे देश में बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर भी हमारे महान राष्ट्र यानी भारत की सद्भावना को कम करने के लिए कारक के रूप में कार्य करेगा।
याचिका में कहा गया कि गठबंधन यानी आई.एन.डी.आई.ए 2024 के आम चुनाव में हार जाता है तो इसे भारत के रूप में पेश किया जाएगा क्योंकि भारत देश पूरा हार गया है, जो देश के निर्दोष नागरिकों की भावनाओं को आहत कर सकती है, जिससे बाद राजनीतिक हिंसा की संभावना से इंकार नहीं कर सकते।
याचिकाकर्ता गिरीश उपाध्याय ने अपनी याचिका में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, टीएमसी, आरएलडी, जेडीयू, समाजवादी पार्टी, डीएमके, आम आदमी पार्टी, जेएमएम, एनसीपी, शिव सेना (यूबीटी), राजद, अपना दल (कमेरावादी), पीडीपी, जेकेएनसी, सीपीआई के नामों का सहित गठबंधन के अन्य दलों को पक्ष बनाया है। दरअसल इंडिया भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का संक्षिप्त रूप है, जो अगले साल के चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए 26 पार्टियों के नेताओं द्वारा घोषित एक विपक्षी मोर्चा है।