हाईकोर्ट ने सेंट स्टीफंस कॉलेज की याचिका पर दिल्ली यूनिवर्सिटी से जवाब तलब कियाहै। इस याचिका में यूनिवर्सिटी की उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है जिसमें कॉलेज में अल्पसंख्यक आरक्षण के तहत सीयूईटी के अंकों के आधार पर बिना साक्षात्कार के ही करने पर जोर दिया गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सेंट स्टीफंस कॉलेज की याचिका पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के साथ-साथ यूजीसी को भी नोटिस जारी किया और उनसे जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की अधिसूचना प्रवेश प्रक्रिया के संबंध में पिछले साल उसके द्वारा पारित एक फैसले के ‘विपरीत’ है।
पिछले साल के फैसले में सेंट स्टीफंस कॉलेज को अतिरिक्त तौर पर साक्षात्कार आयोजित कर अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को प्रवेश देने की अनुमति दी गई थी, लेकिन गैर-अल्पसंख्यक विद्यार्थियों का प्रवेश पूरी तरह से CUET में हासिल अंकों पर निर्भर था। अदालत ने कहा, ‘(पहले का) फैसला अस्तित्व में है। हम नोटिस जारी करेंगे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने सेंट स्टीफंस कॉलेज की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा और कहा कि इस समय मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है। सेंट स्टीफंस कॉलेज की ओर से पेश हुए वकील रोमी चाको ने कहा कि यह एक अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान है और प्रवेश के लिए छात्रों का चयन करने का अधिकार इसके पास उपलब्ध है।