आदिपुरुष फिल्म को लेकर दायर याचिका पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय का जवाब न आने के कारण दिल्ली हाइकोर्ट ने एक बार फिर सुनवाई टाल दी गई है। दिल्ली हाई कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को करेगा। कोर्ट ने कहा है कि फिल्म रिलीज हो चुकी है। इससे पहले यह याचिका वेकेशन बेंच के सामने पेश की गई थी, लेकिन बेंच ने यह कह कर उस समय सुनवाई टाल दी थी कि फिल्म जारी हो चुकी है। इसलिए रेग्युलर बेंच सुनवाई करेगी।
यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आदिपुरुष फिल्म की वजह से करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। विष्णु गुप्ता ने याचिका में कहा, ‘फिल्म में हमारे आराध्य देवताओं का गलत तरीके से चित्रण किया गया है, जो कि आपत्तिजनक है। इसलिए ऐसी फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगनी चाहिए।’
हिंदू सेना की याचिका में कहा गया कि जिस तरीके से फिल्म आदिपुरुष में भगवान राम, माता सीता और हनुमान जी का चित्रण किया गया है, वो महर्षि वाल्मीकि की रामायण और तुलसीदास की रामचरितमानस के ठीक विपरीत है।
ओम राउत के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। फिल्म में जिस तरह से तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है, उसे देखकर हमारा मन चिंतित और व्यथित है।
याचिका में ये भी कहा गया, ‘ये पीआईएल उन लोगों की तरफ से भी दायर है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या किसी कारण कोर्ट कचहरी आने में असमर्थ हैं। चूंकि भावनाएं उनकी भी आहत हुई हैं, इसलिए ये पीआईएल उन्हें भी रिप्रजेंट करती है। याचिका में कहा गया कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट-1952 के तहत आम लोगों को यह फिल्म दिखाई जानी सही नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए इस फिल्म पर बैन लगाया जाए।
बहरहाल, आदिपुरुष की टीम को इस मामले में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को 4 अक्टूबर तक जवाब देना था। हालांकि आज तक उनका जवाब नहीं आया।