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टीएस वजीर हत्याकांड: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 आरोपियों को आरोप मुक्त करने के आदेश पर लगाई रोक

DELHI HC

दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के मामले में 3 आरोपियों को आरोप मुक्त करने पर रोक लगा दी है।

दिल्ली पुलिस ने तीनों आरोपियों को बरी करने के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख किया।

जस्टिस विकास महाजन ने दिल्ली पुलिस की रिवीजन पर सुनवाई के बाद 3 आरोपियों बलबीर सिंह उर्फ ​​बिल्ला, राजिंदर चौधरी उर्फ ​​गंजा और सुदर्शन सिंह वजीर को आरोप मुक्त करने की कार्रवाई पर रोक लगा दी।

हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई की अगली तारीख 13 दिसंबर तय की है।

एक आरोपी पर हत्या के अपराध का आरोप लगाया गया है और दूसरे पर सबूत नष्ट करने के अपराध का आरोप लगाया गया है।

इससे पहले 20 अक्टूबर, 2023 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेम राज ने इस मामले में आरोपी बलबीर सिंह उर्फ ​​बिल्ला, राजिंदर चौधरी उर्फ ​​गंजा और सुदर्शन सिंह वजीर को सभी अपराधों से बरी कर दिया था।हालाँकि, अदालत ने आरोपी हरमीत सिंह पर आईपीसी की धारा 302 के तहत अपराध का आरोप लगाया।

आरोपी हरप्रीत सिंह खालसा को धारा 302 आईपीसी आर/डब्ल्यू 120 बी आईपीसी के तहत अपराध से मुक्त कर दिया गया है। हालाँकि, उन पर आईपीसी की धारा 201 (साक्ष्य को नष्ट करना) और 174ए आईपीसी के तहत अपराध का आरोप लगाया गया है।

यह मामला त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या से संबंधित है जिनकी सिर पर गोली लगने से मौत हो गई थी। वज़ीर जम्मू-कश्मीर से पूर्व एमएलसी थे। सितंबर 2021 में दिल्ली में उनकी कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।

दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 302/201/174ए/120बी/34 के तहत कथित अपराधों के लिए आरोपी व्यक्तियों, हरमीत सिंह, हरप्रीत सिंह खालसा, राजिंदर चौधरी, बलबीर सिंह और सुदर्शन सिंह वज़ीर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।

दिल्ली पुलिस ने 3 पूरक आरोपपत्र समेत 4 आरोपपत्र दाखिल किए हैं पहली चार्जशीट आरोपी हरमीत, राजिंदर और बलबीर के खिलाफ दायर की गई थी।

पहली पूरक चार्जशीट में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी का रिजल्ट दाखिल किया गया था।आरोपी खालसा को द्वितीय पूरक आरोप पत्र के माध्यम से मुकदमे के लिए भेजा गया था।

अभियुक्त सुदर्शन को तृतीय अनुपूरक आरोप पत्र के माध्यम से विचारण हेतु अग्रेषित किया गया है। तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कहा गया है कि हरमीत, खालसा, राजिंदर, बलबीर और सुदर्शन के खिलाफ पर्याप्त सबूत आए हैं।

हालांकि, अदालत ने कहा, हरजिंदर सिंह रैना और जगपाल सिंह के खिलाफ जांच अभी भी जारी है।

शिकायत के अनुसार, बसई दारापुर में एक इमारत की दूसरी मंजिल पर स्थित एक फ्लैट से दुर्गंध आने की सूचना मिलने पर थाना मोती नगर की पुलिस जांच करने के लिए मौके पर पहुंची। बताया गया फ्लैट आरोपी खालसा की किरायेदारी के अधीन था और उसका स्वामित्व कुलभूषण के पास था, जिसने फ्लैट को अपनी चाबियों से खोला था।

एक कमरे में खून से सना गद्दा पड़ा मिला। शिकायत में कहा गया है, एक बाथरूम में काले पॉलिथीन और कपड़े से चेहरा ढका हुआ एक शव मिला।

इसी बीच शिकायतकर्ता भूपेन्द्र सिंह वहां पहुंच गया और उसने मृतक की पहचान अपने भाई त्रिलोचन के रूप में की थी।

दिल्ली पुलिस ने भूपेंदर सिंह के बयान पर एफआईआर दर्ज की है।उन्होंने कहा कि उनके भाई त्रिलोचन जम्मू के रहने वाले थे और एक जाने-माने व्यक्ति थे। उनका परिवार कनाडा में रहता था।

भूपेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि आरोपी हरमीत और खालसा उसके भाई से मिलने आते थे। उनके भाई को 2 सितंबर, 2021 को कनाडा छोड़ना था और वह तदनुसार खालसा के फ्लैट पर पहुंचे।

साथ ही, उन्होंने 3 सितंबर, 2021 को मृतक की पत्नी से बात की, जिन्होंने उन्हें बताया कि त्रिलोचन 2 सितंबर को फ्लाइट में नहीं चढ़े और उनकी फ्लाइट 3 सितंबर के लिए रीशेड्यूल कर दी गई है।

इसके अलावा, सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने भतीजे करण से भी बात की, जिन्होंने उन्हें बताया कि उनकी खालसा से पहले ही बात हो चुकी है, जिन्होंने उन्हें बताया कि उन्होंने त्रिलोचन को आईजीआई हवाई अड्डे के अंदर छोड़ दिया था, लेकिन अपना फोन भूल गए, जो खालसा के पास ही रह गया।
जब उन्होंने करण से दोबारा पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि खालसा ने उन्हें बताया था कि त्रिलोचन को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में क्वारैंटाइन किया गया है।

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About the Author: Neha Pandey

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