दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को अलीपुर क्षेत्र में यमुना नदी मेंअवैध रेत खनन की निगरानी और रोकने के लिए उत्तर प्रदेश (यूपी) पुलिस के साथ एक संयुक्त टास्क फ़ोर्स गठित करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने नदी में बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन पर भी चिंता व्यक्त की। हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को एसएसपी गाजियाबाद, यूपी के साथ समन्वय करने और यमुना नदी में अवैध रेत खनन की निगरानी करने और रोकने के लिए यूपी पुलिस के साथ एक संयुक्त टास्क फ़ोर्स (जेटीएफ) का गठन करने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि संयुक्त टास्क फ़ोर्स (जेटीएफ) नियमित रूप से यमुना बैंक की निगरानी करेगा और अवैध रेत खनन को रोकना सुनिश्चित करेगा। हाईकोर्ट ने अवैध बालू खनन से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर चिंता जताई। पीठ ने याचिकाकर्ता रविंदर के वकील की दलीलें सुनने के बाद यह निर्देश दिया। अदालत ने अधिकारियों द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट का भी अवलोकन किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाके का कुछ हिस्सा दिल्ली में है और कुछ हिस्सा यूपी में है। इसमें यह भी कहा गया है कि 14 मार्च 2023 को अधिकारियों द्वारा ट्रैक्टर और ट्रॉली की नाप करायी गयी थी. हालांकि, अदालत ने असंतोषजनक स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है, जिसके बाद अदालत ने के गठन के लिए निर्देश पारित किया।
रविंदर ने यमुना नदी में अवैध बालू खनन का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में फरवरी 2023 में स्टेटस रिपोर्ट तलब की।अदालत ने मामले को जुलाई में अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।