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‘अग्निपथ’ स्वैच्छिक है अनिवार्य नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी से याचिकाकर्ताओं में सन्नाटा, बहस आज भी जारी

Agnipath Delhi High Court

सेना में भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज दिल्ली हाई कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। आज भी केंद्र सरकार दिल्ली हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी

बुधवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी की देश की रक्षा का विषय संप्रभुता से जुड़ा है।सशस्त्र सुरक्षा बल को ज्यादा विस्तार मिलना चाहिए। केंद्र ने ये भी कहा है कि हम इस योजना के तहत पंजीकरण का विस्तृत ब्‍यौरा अपने हलफनामे में देंगे।

पिछली सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कियाचिकाकर्ता और मैं (कोर्ट) विशेषज्ञ नहीं हैं। इसे थलसेना, नौसेना और वायु सेना के विशेषज्ञों के बड़े प्रयासों के बाद तैयार किया गया है।”

कोर्ट ने कहा था कि, ‘‘सरकार ने एक विशेष नीति बनाई है। यह अनिवार्य नहीं है, यह स्वैच्छिक है।” अदालत ने कहा, ‘‘आपको यह साबित करना होगा कि अधिकार छीन लिया गया है…। क्या हम यह तय करने वाले व्यक्ति हैं कि इसे (योजना के तहत सेवाकाल) चार साल या पांच साल अथवा सात साल किया जाना चाहिए।”

अग्निपथ योजना के नियमों के मुताबिक, साढ़े 17 से 21 साल की आयु के लोग आवेदन करने के पात्र हैं और उन्हें चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा। योजना के तहत, उनमें से 25 प्रतिशत की सेवा नियमित कर दी जाएगी

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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