दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह 30 जनवरी को शारजील इमाम द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा, जिसमें देशद्रोह के एक मामले में अंतरिम और साथ ही नियमित जमानत की मांग की गई है।
शरजील इमाम तीन साल से जेल में बंद है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि वह शरजील इमाम की दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगी।
हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों याचिकाएं एक ही प्राथमिकी से संबंधित हैं। कोर्ट ने कहा, “हम आज आपको अंतरिम जमानत और फिर से नियमित जमानत के लिए नहीं सुन सकते। हाईकोर्ट राजद्रोह मामले से संबंधित मामलों को स्थगित रखने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार राजद्रोह मामले में अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
पीठ ने कहा, “दो अर्जियां एक ही प्राथमिकी से संबंधित हैं। हम नियमित जमानत और अंतरिम जमानत से इनकार के खिलाफ दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेंगे।”
शरजील की नियमित जमानत याचिका पर अप्रैल में सुनवाई होनी थी। उसके वकील ने दलील दी कि जब तक सुप्रीम कोर्ट देशद्रोह के अपराध की संवैधानिक वैधता तय नहीं करता, तब तक उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 31 अक्टूबर को ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह शरजील इमाम के खिलाफ एक मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह की जांच करे, सिवाय उन लोगों के जिन्हें राजद्रोह के अपराध को साबित करने के लिए जांच की जानी है। सुप्रीम कोर्ट ने मई में देशद्रोह के कथित अपराध से जुड़े मामलों पर रोक लगा दी थी।
शरजील इमाम ने जुलाई 2022 में अपने खिलाफ देशद्रोह के एक मामले में मुकदमे पर रोक लगाने और मामले में अंतरिम जमानत की मांग करते हुए दो याचिकाएं दायर कीं। निचली अदालत ने पहले उनकी याचिका खारिज कर दी थी।