आज दिल्ली उच्च न्यायलय में देश में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में वोटिंग को अनिवार्य करने के लिए याचिका दायर की गयी है। याचिकाकर्ता और बीजेपी नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में न्यायालय से यह कहा के इससे वोटर टर्न आउट में वृद्धि,जनता की राजनितिक भागीदारी,लोकतंत्र की गुणवत्ता में सुधार एवं वोट के अधिकार को सुरक्षित करने में सहायता मिलेगी।
अश्विनी कुमार उपाध्याय यह चाहते हैं के लॉ कमीशन कंपल्सरी वोटिंग पर एक रिपोर्ट तैयार करे। उन्होंने अदालत से यह कहा के लो वोटर टर्न आउट देश में एक बहुत बड़ी समस्या है और मतदान अनिवार्य करने से इस समस्या से उबरने में सहायता मिलेगी,खासकर उपेक्षित समुदायों में जागरूकता बढ़ेगी। जब मतदान प्रतिशत बढ़ता है तब चुनी हुई सरकार भी मतदाताओं के प्रति ज्यादा ज़िम्मेदार होती है। और जनता के हित में अधिक काम करती है।
याचिका में यह दावा किया गया है के सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने कई बार इलेक्शन कमीशन को दिशानिर्देश दिए हैं के कमीशन अपने अनुच्छेद 324 का प्रयोग करे जो मतदान के दिशानिर्देश और सञ्चालन के सम्बन्ध में उपयोग में लायी जाती है। जिससे मौलिक अधिकारों की सुरक्षा और मतदान प्रक्रिया की शुद्धता को बरक़रार रखा जा सके।
याचिका में ये उल्लेखनीय है की “भारतीय संविधान अनुच्छेद 326 के तहत मतदान को मौलिक अधिकार मानता है। जो के कानून द्वारा लगाए गए उचित प्रतिबन्ध के अनुसार दिया जा सकता है। इसलिए अनिवार्य मतदान उचित प्रतिबन्ध के तौर पर इस्तेमाल कर के चुनाव सुचारु रूप से कराया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह माना है के मतदान का अधिकार एक वैधानिक अधिकार है, जिसपे समय अनुरूप उचित प्रतिबन्ध लगाए जा सकते हैं।”