केरल के एक वकील ने मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया और इसके खिलाफ याचिका दायर कर दी। दरअसल, जस्टिस मैरी जोसेफ मात्र 20 केस ही लिस्ट किए गए थे जबकि अन्य जजों की कोर्ट में लिस्टेड केसेस की संख्या भिन्न थी।
केवल एक जज की कोर्ट में केवल 20 केस लिस्ट देखकर वकील को इस कदर गुस्सा आ गया कि उसने हाईकोर्ट में ही याचिका दायर कर मुख्य न्यायाधीश पर सवाल खड़े कर दिए। वकील का कहना है कि दूसरे जजों की कोर्ट में रोजाना 100 से ज्यादा मामले सुने जा रहे हैं तो फिर एक जस्टिस पर ही मेहरबानी क्यों।
केरल हाईकोर्ट में मास्टर ऑफ रोस्टर मुख्य न्यायाधीश ही होता है। वकील का कहना है कि अगर मुख्य न्यायाधीश ने रजिस्ट्री को एक खास जज की कोर्ट में कम केस लिस्ट करने के लिए बोला है तो ये अनुच्छेद 14 की अनदेखी है।
जिस जज की कोर्ट में कम केस लिस्ट हो रहे हैं उनका नाम न्यायाधीश मैरी जोसेफ (Justice Mary Joseph) है। याचिका दायर करने वाले वकील यशवंत शिनोय हैं। यशवंत शिनोय का कहना है कि रजिस्ट्री मुख्य न्यायाधीश के कहने पर ही काम करती है। ऐसे में कोई दूसरा जज तो रोस्टर में दखल भी नहीं दे सकता। उनका कहना था कि वो ये देखकर भौचक रह गए कि न्यायाधीश मैरी जोसेफ की कोर्ट में सबसे कम केस लगाए जा रहे हैं। उस पर भी कई मामलों को एडजर्न कर दिया जाता है। कई बार जज छोटी सी लिस्ट को भी पूरा नहीं करती हैं। जबकि बाकी जजों को देखा जाए तो वो उनसे पांच गुना ज्यादा केस सुनकर निपटा रहे हैं।
वकील यशवंत शिनोय ने जस्टिस शाजी पी की कोर्ट में ये याचिका दाखिल कर मांग की कि कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को आदेश जारी करे कि केवल एक जज की कोर्ट में 20 केस क्यों लगाए जा रहे हैं। उन्हें आदेश दिया जाए कि वो सभी जजों के पास एक समान मामले लिस्ट करें।