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पुलिस ने जिसे बलात्कारी बताकर जेल भेजा, देहरादून कोर्ट में बेकसूर हुआ साबित, साल भर बाद जेल से रिहा

POCSO, Uttrakhand, Dehradun

उत्तराखंड के देहरादून की अदालत में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। दरसअल एक युवक पर एक नाबालिग के अपहरण कर बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था। लेकिन जब अदालत में लड़की ने बयान दर्ज कराया तो उसने शारीरिक संबंध न होने और शारीरिक संबंध के नाम पर केवल “गले लगने” का बयान दिया। बयान तो युवक के पक्ष में था लेकिन, इस बयान के आने में एक साल लग गया। 20 साल का युवक एक साल तक जेल की जिल्लत भरी जिंदगी जीता रहा। साल भर बाद किशोरी ने कोर्ट में कहा कि वह केवल उसके गले लगी थी। जिन आरोपों में युवक का जेल भेजा गया था, उन आरोपों को किशोरी ने कोर्ट में सिरे से खारिज कर दिया।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पोक्सो हरिद्वार अंजलि नौरियाल ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी युवक को दोषमुक्त करार दिया।

हरिद्वार निवासी एक व्यक्ति ने चार जुलाई 2021 को मुरादाबाद के रहने वाले अमनदीप के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अमनदीप उनकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया। उन्हें अपनी बेटी के साथ अनहोनी की आशंका जताई थी। 18 जुलाई को किशोरी को युवक के साथ लखनऊ से बरामद किया था। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान युवक ने अपने बयान में कहा था कि उस पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाई गई। उसको फंसाने के लिए झूठा मुकदमा चलाया गया। मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 9 गवाह पेश किए गए थे।

पीड़िता ने पुलिस के समक्ष अपने बयान में कहा था कि हरिद्वार के एक इंटर कॉलेज में दसवीं कक्षा की छात्रा है। वह उसके पड़ोस में रहने वाला अमनदीप से दो साल से प्रेम संबंध में थी। वह 4 जुलाई को 2021 को अपने घर से पैसे लेकर लेकर मुरादाबाद गई। बस अड्डे से मनदीप के साथ लखनऊ गई। वहां वह और अमनदीप किराये का कमरा लेकर रहे। वहां उसके और अमनदीप के बीच शारीरिक संबंध बने। लड़की ने बताया था कि पुलिस ने हमें एक साथ पकड़ा और 19 जुलाई 2021 को उसका मेडिकल कराया गया। उस दौरान उसके साथ उसकी मां थी।

कोर्ट में जब लड़की के दर्ज कराए गए बयान का बंद लिफाफा खोला गया तो उसने लगाए गए सभी आरोपों से इंकार कर दिया। लड़की ने कहा कि उसने जो जन्मतिथि बताई थी। वह स्कूल रिकॉर्ड में है। वास्तविक जन्म तिथि 5 मार्च 2002 है। उसने बताया कि उसके और अमनदीप के बीच कभी पति-पत्नी जैसे संबंध नहीं रहे। वह केवल अमनदीप से गले मिली थी। अमनदीप उसे किडनैप करके नहीं ले गया था, बल्कि वह अपने घर से खुद ही मुरादाबाद गई थी। उसने रास्ते में पहुंच कर अमनदीप को फोन सारी बात बताई थी। तब अमनदीप उसे बस स्टैंड पर मिला था। उसने उसे वापस लौटने के लिए भी कहा था। लेकिन, जब मैंने कहा कि वह मुझे अपने साथ ले चले नहीं तो वह मर जाएगी।

अमनदीप उसे अपने साथ लखनऊ ले गया। वहां से उसने अपने मोबाइल से घर पर भी बातचीत की थी। अपने घर पर बता दिया था कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़ कर आई है। पुलिस ने जब उन्हें पकड़ा था तब भी उसने यही कहा था कि उन दोनों के बीच कोई शारीरिक संबंध नहीं हैं। अमनदीप ने हमेशा यही कहा कि यह संबध शादी के बाद भी हो सकते हैं। किशोरी ने कहा कि मेरे बयान में लिखा गया शब्द शारीरिक संबंध से उसका तात्पर्य केवल गले लगने और लिपटने से था। मेडिकल के दौरान भी डॉक्टर ने उससे कोई पूछताछ नहीं की थी, केवल कागजों पर हस्ताक्षर करवाए थे।

किशोरी के बयान की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में भी हो गई है कि युवक ने उसके साथ कोइ जोर-जबरदस्ती नहीं की और न ही उनके बीच कोई शारीरिक संबंध रहा। इससे यह साफ हो गया कि युवक ने कोई अपराध नहीं किया और उस पर लगाए गए आरोप भी झूठे ही निकले। 

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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