फर्जी दस्तावेजों के सहारे कुख्यात आरोपी को जमानत दिलवाने वाली महिला वकील को ढूँढने में नाकाम पंजाब पुलिस को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जम कर फटकार लगाई है, और पंजाब के गृह सचिव, डीजीपी और अन्य पुलिस अफसरों का जवाब तलब किया है।
लुधियाना के रहने वाले सुभाष कुंद्रा ने एडवोकेट एलएम गुलाटी के माध्यम से एक याचिका दाखिल की थी। जिसमें बताया गया था कि गैंगस्टर प्रिंस उर्फ मनी के खिलाफ 18 मामले दर्ज थे और वह तरनतारन की जेल में बंद था। बाद में उसे लुधियाना की जेल में भेज दिया गया था। अप्रैल 2017 में लुधियाना की इस सेंट्रल जेल में महिला वारंट लेकर पहुंचती है और बताती है कि अदालत ने प्रिंस को सभी मामलों में जमानत दे दी है। कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जेल अधिकारी प्रिंस को जेल से रिहा कर देते हैं। कुछ ही समय के बाद तरनतारन की अदालत से जेल को नोटिस भेजा जाता है और पूछा जाता है कि आरोपी प्रिंस को पेश क्यों नहीं किया जा रहा है। तब पुलिस को पता चलता है कि प्रिंस उर्फ मनी को फर्जी दस्तावेज के सहारे जमानत दिलाई गई है। इसके बाद पुलिस प्रिंस को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लेती है। इसके बावजूद आज तक इस मामले में न तो जांच पूरी की गई है और न ही अदालत के फर्जी दस्तावेज बनाने वालों को गिरफ्तार किया गया है।
हद तो उस वक्त हो गई जब गैंगस्टर प्रिंस ने खुद पुलिस को बताया था कि यह सब उसकी एक महिला मित्र ने किया है और पुलिस उसकी महिला मित्र को गिरफ्तार नहीं कर सकी।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि इसके बावजूद आज तक पुलिस ने उस महिला को गिरफ्तार करने की कोशिश तक नहीं की। अब इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच करवाने की मांग पर हाईकोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।