उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे की ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। रेलवे की इस जमीन पर अनधिकृत कॉलोनियां बना ली गई हैं और उनमें रहने वाले 4000 से अधिक परिवारों को उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने घर खाली करने का नोटिस दिया था।
उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा। यह याचिका इसी कॉलोनी में रहने वाले शराफत अली ने दाखिल की है।
दरअसल उत्तराखंड हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद रेलवे ने ये फैसला किया है कि नोटिस के बाद घर खाली करने के लिए 7 दिन का समय दिया जायेगा। शहर में रेलवे कि 29 एकड़ ज़मीन से 4000 से अधिक अतिक्रमणकारियो को हटाया जायेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार अतिक्रमित भूमि से 4365 अतिक्रंमण हटाये जायेंगे। अतिक्रमणकारियों का कहना है कि वो कई दशकों से इन कालोनियों में रह रहे हैं। इसी को आधार मानकर वो हाईकोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रेलवे अधिकारियो ने रेलवे कि 22 किलोमीटर कि लम्बी पट्टी पर बने घरों और अन्य ढांचों को गिराने कि प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। अतिक्रमणकारियों से लाइसेंसी हथियार जमा करने को कहा गया है।