मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मामले में एक नया मोड़ आने वाला है। इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सीधे एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में विष्णु जैन ने चीफ जस्टिस का ध्यान मामले की गंभीरता की ओर आकृष्ट करते हुए फुल बेंच गठित करने का आग्रह किया है।
तीन पेज की चिट्ठी में, एडवोकेट विष्णु जैन ने सुप्रीम के 21 जुलाई 2023 के आदेश और उससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के 26 मई 2023 के आदेशों का भी हवाला दिया है।
दरअसलस 26 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ही मथुरा कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी याचिकाओं को मथुरा जिला अदालत से हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। लेकिन अभीतक इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए बेंच का गठन नहीं हुआ है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश पर मथुरा की शाही ईदगाह कमेटी ने आपत्ति जताते हुए फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती देते हुए रोक लगाने की मांग की थी।
लेकिन जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस विपिन धूलिया की पीठ ने मुस्लिम पक्ष की मांग को दरकिनार करते हुए आदेश दिया कि हम यह उचित समझते हैं कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार हमें बताएं कि वे कौन से मुकदमे हैं जिन्हें इकट्ठा कर सुनवाई करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के अंत में एक वाक्य यह भी जोड़ा था कि आदेश में थोड़ी सामान्यता प्रतीत होती है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष से मौखिक पूछा भी था कि अगर अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट मथुरा जिला अदालत में चल रहे सभी मुकदमों को इकट्ठा कर खुद सुनवाई करना चाहता है तो इसमें क्या आपत्ति है।
बहरहाल, एडवोकेट विष्णु जैन की चिट्ठी के बाद मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मामले में फिर से हलचल बढ़ गई है।