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बीबीसी के बाद अब अल जजीरा की डॉक्युमेंट्री! इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक

allahabad HC

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्युमेंट्री ‘इंडिया हू लिट द फ्यूज’ के प्रसारण पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को आदेश का पालन कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सामाजिक सौहार्द कायम रखने और राज्य हितों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अलजजीरा मीडिया नेटवर्क दोहा, कतर को नोटिस भी जारी किया है। 6 जुलाई को मामले में अगली सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता सुधीर कुमार की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है।

याचिका में डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रसारण पर देश की कानून व्यवस्था प्रभावित होने की बात कही गई है। धार्मिक उन्माद और घृणा फैलने का अंदेशा जताया गया है। याची ने कोर्ट में यह भी कहा कि फिल्म सच से काफी दूर मनगढ़ंत कथानक पर आधारित है। कोर्ट ने कहा संविधान का अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। यह मौलिक अधिकार है, लेकिन यह अनियंत्रित नहीं है, तर्कसंगत प्रतिबंध लगाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा फिल्म से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा है। ऐसे में फिल्म का परीक्षण और विचार होने तक इसके प्रसारण पर रोक लगाई जाए।

हाईकोर्ट ने कतर के मीडिया चैनल अल जजीरा से कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों का निस्तारण होने तक यह फिल्म प्रसारित न की जाए। सुधीर कुमार ने याचिका में दलील दी थी कि अगर ये फिल्म प्रसारित की जाती है तो इससे धर्म के लोगों के बीच नफरत पैदा हो सकती है और देश का सौहार्द बिगड़ सकता है।

याचिका में अनुरोध किया गया है कि केंद्र सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड फिल्म की समीक्षा कर इसके प्रसारण से पहले प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया जाए। अदालत ने कहा, आरोपों की गंभीरता देखते हुए इस याचिका में आए मुद्दों का निस्तारण होने तक फिल्म का प्रसारण टाला जाए। उच्च न्यायालय ने केंद्र और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जब तक फिल्म की स्क्रिप्ट, कहानी की समीक्षा नहीं कर दी जाती, फिल्म के प्रसारण को मंजूरी न दी जाए और इसके लिए जरूरी कानून कार्रवाई की जाए।

याचिकाकर्ता का दावा है कि अखबारों और सोशल मीडिया से पता चला है कि इस लघु फिल्म में मुस्लिमों को भय के साये में जीवन जीने की बात कही गई है। इससे लोगों में घृणा की भावना पैदा होती है। यह सच्चाई से परे है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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