एयर इंडिया की फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंगलवार को कोर्ट जमानत याचिका पर फ़ैसला सुना सकता है।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल उठाया कि किसी सामान्य केस में आमतौर पर पीड़ित शख्स पुलिस को शिकायत करता है लेकिन इस केस मे पीड़िता एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास नहीं गई। हालांकि मेरे कहने का मतलब ये नही है कि वो इस घटना को लेकर पूरी तरह से खामोश रही।
कोर्ट ने फिर दिल्ली पुलिस से भी पूछा कि क्या आपने बाद में शंकर मिश्रा की कस्टडी की मांग की है, जिसपर दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने रिमांड नही मांगी है।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसने पीडिता के साथ यात्रा कर रही दो यात्रियों का बयान लिया है।एक महिला से टेलीफोन पर बयान लिया है और एक ने ई मेल पर जवाब दिया है।
कोर्ट ने पुलिस से कहा कि उसी दिन वारंट भी जारी कर दिया जबकि रिकवरी भी नहीं करनी थी। पुलिस ने कहा कि इस मामले से देश की बहुत बदनामी हुई। कोर्ट ने कहा कि जब इतनी गंभीर मामला था तो एफआईआर कैसे लीक हुई।
कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता और उसके बगल मे बैठी महिला के बयान में विरोधाभास दिख रहा है। आज की तारीख में आपके गवाह ही आपके पक्ष में बयान नहीं दे रहे हैं। यह कहते हुए अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
दरअसल, पिछले साल 26 नवंबर को एयर इंडिया की फ्लाइट न्यूयॉर्क से दिल्ली पहुंच रही थ। इस दौरान बिजनेस क्लास में सफर कर रहे शंकर मिश्रा ने नशे में धुत्त होकर 70 साल की महिला पर पेशाब कर दिया था।वहीं, महिला द्वारा शिकायत मिलने के बाद शंकर मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 294, 509, 510 तहत मामला दर्ज हुआ है।
इससे पहले शंकर मिश्रा पर लगे गंभीर आरोप के चलते उसकी कंपनी वेल्फ फार्गो ने उसे नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि, कंपनी अपने कर्मचारियों से पेशेवर और निजी तौर पर उच्च व्यवहार की उम्मीद करती है. शंकर पर लगे आरोप बेहद परेशान कर देने वाले हैं जिस कारण उसे कंपनी से टर्मिनेट किया गया।कंपनी ने ये भी कहा कि हम इस जांच में पूरा सहयोग करेंगे।