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यूपी सरकार को बड़ी राहत, कोर्ट ने धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन को चुनौती देने वाली याचिका कर दी खारिज

allahabad HC

उत्तर प्रदेश में सरकार के सौजन्य से होने वाले सांस्कृति और धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध की मांग वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह याचिका राजीव कुमार यादव नाम के एक शख्स ने लगाई थी। उसका कहना था कि देश पंथ निरपेक्ष है, किसी सरकार को धार्मिक कार्य करने का अधिकार नहीं है, ऐसा करना संविधान की पंथ निरपेक्षता के मूलभूत सिद्धांतों का हनन है। इसी शख्स ने पहले ऐसी ही याचिक लखनऊ पीठ में डाली थी लेकिन खण्ड पीठ ने भी उसे खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने मुख्यपीठ के सामने फिर से प्रयास किया, लेकिन कोर्ट ने याचिका को सुनने से ही इंकार कर दिया।

याचिका चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस एसडी सिंह की खंडपीठ के सामने पेश की गई थी। जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार के 10 मार्च 2023 को जारी शासनादेश को चुनौती दी गई थी। कहा गया था कि यह शासनादेश एक धर्म विशेष को बढ़ावा देने वाला है तथा इसे असंवैधानिक घोषित कर रद्द किया जाए। याचिका में मांग की गई थी कि सरकार इस शासनादेश के आधार पर कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाए तथा यह भी याचना की गई थी कि इस शासनादेश को जारी करने वाले प्रमुख सचिव को उनके अवैधानिक कृत्य के लिए दंडित किया जाए।

याचिका का प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने विरोध किया तथा कहा कि शासनादेश कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है। बताया गया यह कार्यक्रम देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने के लिए किया गया है, तथा इसके मार्फत प्रदेश के प्रत्येक जिलों में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कलाकारों को प्रति जनपद एक लाख रूपए आवंटित किया गया था।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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