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अमेरिका के वांछित अपराधी ने मांगी जमानत, दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा इसके दस्तावेजों की जांच करो

Delhi HC

अमेरिका के भगोड़े अपराधी को जमानत से इंकार, हाईकोर्ट ने भारत सरकार को दस्तावेजों की जांच के दिए निर्देश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक भगोड़े अपराधी (एफसी) की मां की सर्जरी के लिए अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। साथ ही भारत सरकार के अफसरों से कहा है कि भगोड़े अपराधी ने जो चिकिस्ता दस्तावेज दिए हैं उनकी जांच करवाई जाए। क्यों कि वो पहले एक बार फर्जी चिकिस्ता दस्तावेज पेश कर चुका है। रत्नेश नाम का भगोड़ा अपराधी अमेरिका में नाबालिग से दुष्कर्म से जुड़े एक मामले में आरोपी है। उसकी प्रत्यर्पण जांच दिल्ली की एक अदालत के समक्ष लंबित है।
ऐसा समझा जा रहा है कि वो प्रत्यार्पण से बचने की कोशिश कर रहा है।

न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने रत्नेश भूटानी की ओर से दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। मामले को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता और अधिवक्ता अर्पित बत्रा पेश हुए और कहा कि उनकी मां की सर्जरी 21 मई को तय है। उसकी मां की बीमारी के आधार पर जनवरी 2023 में अंतरिम जमानत दी गई थी। उसने एक बार फिर 4 हफ्ते की जमानत मांगी है।

इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 10 मई को एक भगोड़े अपराधी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपनी फर्जी कोविड-पॉजिटिव रिपोर्ट के माध्यम से अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की थी। कोर्ट ने उसे जेल प्रशासन के सामने सरेंडर करने का निर्देश दिया।

अदालत ने यह भी कहा था, “भगोड़े अपराधी के माता-पिता की सामान्य चिकित्सा स्थिति पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा विधिवत विचार किया गया था और फिर भी अंतरिम जमानत के विस्तार की प्रार्थना को खारिज कर दिया गया था।”
कोर्ट ने बताया कि उसकी मां की सर्जरी 30 अप्रैल, 2023 को होनी थी, लेकिन उसकी मां की झूठी कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट के कारण सर्जरी नहीं की जा सकी।
अदालत ने में कहा, “भले ही वह बाद में कोविड पॉजिटिव आई हो, जैसा कि एफसी के वकील ने बताया, हालांकि, उक्त रिपोर्ट अभी तक सत्यापित नहीं हुई है, इसलिए भगोड़े अपराधी के पिछले आचरण पर विचार करने पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।”

इसलिए कोर्ट ने भारत सरकार के वकील को भगोड़े अपराधी द्वारा पेश किए गए दोनों चिकित्सा दस्तावेजों को सत्यापित करने का निर्देश दिया और उनके अनुरोध के अनुसार इसके लिए 10 दिन का समय दिया।

भगोड़ा अपराधी रत्नेश अमेरिका में 2005 में एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी है। इंटरपोल के जरिए अमेरिकी पुलिस को मिली जानकारी में करीब 17 साल के बाद 2021 में उसे आगरा से गिरफ्तार किया गया था। उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध नई दिल्ली में संबंधित अदालत के समक्ष लंबित है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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