दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर दिल्ली आबकारी शराब घोटाला मामले में अंतरिम जमानत याचीका पर गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है। सिसोदिया ने पत्नी की खराब तबीयत का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत मांगी है।
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा मुहैया करायी जाए ताकि वे हर दूसरे दिन जेल नियमों के अनुसार तीन से चार बजे के बीच अपनी पत्नी से बात कर सकें।
वही सीबीआई ने बुधवार को अदालत में जमानत याचिका का विरोध किया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सत्ता में हैं और उनका राजनीतिक रसूख है।
इससे पहले पिछले शुक्रवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया की प्रवर्तन निदेशालय मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही एक अलग मामले के सिलसिले में रखा गया था। वही सीबीआई ने 2021-22 के लिए अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में 26 फरवरी को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को गिरफ्तार किया था।