कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पीएचडी कार्यक्रम प्रवेश परीक्षा रद्द करने और काउंसलिंग प्रक्रिया को रोकने की मांग वाली याचिका के जवाब में बैंगलोर विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया है। पीएचडी प्रवेश परीक्षा में कई अनियमितताओं का हवाला देते हुए सत्रह अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
न्यायमूर्ति अशोक के की पीठ ने बेंगलुरु विश्वविद्यालय के चांसलर, कुलपति और प्रशासन और मूल्यांकन विभाग के रजिस्ट्रार सहित 31 उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया। उन्हें आपत्तियां प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पीएचडी प्रवेश और काउंसलिंग प्रक्रिया याचिका के संबंध में अदालत द्वारा दिए गए अंतिम निर्णय पर निर्भर होगी।
बेंगलुरु यूनिवर्सिटी ने जून 2023 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि शहर के कुछ कॉलेजों में छात्रों को उचित पहचान सत्यापन के बिना परीक्षा देने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा, याचिका में दावा किया गया है कि कुछ छात्रों को अपने मोबाइल फोन पर उत्तर खोजने की अनुमति दी गई थी।
याचिका में जून की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई है और इन आरोपों की गहन जांच का अनुरोध किया गया है।