जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को इस साल नवंबर में होने वाले चार राज्यों के आगामी चुनावों में ‘एकम सनातन भारत दल’ का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी उम्मीदवारों को एक एकीकृत प्रतीक आवंटित करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति राजेश सेखरी की पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश “आपत्तियों और अंतिम परिणाम के अधीन होगा”।
याचिकाकर्ता ‘इक्कजुट्ट जम्मू’ की ओर से वकील अंकुर शर्मा के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने चुनाव आयोग और अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस जारी कर चार सप्ताह की अवधि के भीतर जवाब देने का अनुरोध किया है।
याचिकाकर्ता ने एक पंजीकृत राजनीतिक दल के रूप में अपनी स्थिति का दावा करते हुए कहा है कि उसने नियमों के अनुसार अपना नाम ‘इक्कजट्ट जम्मू’ से बदलकर ‘एकम सनातन भारत दल’ कर लिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि उसने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक समान प्रतीक आवंटन की मांग करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया, लेकिन चुनाव आयोग से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
न्यायाधीश ने कहा, ”इस बीच, उत्तरदाताओं को ”एकम सनातन भारत दल” के नाम से याचिकाकर्ता पक्ष का नामांकन पत्र और फॉर्म बी स्वीकार करने का निर्देश दिया जाता है।
न्यायमूर्ति सेखरी ने आगे एक साझा प्रतीक आवंटित करने का आदेश दिया है, जिससे याचिकाकर्ता पार्टी चार राज्यों में आगामी विधान सभा चुनावों में भाग ले सकेगी। हालाँकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि यह आदेश अनंतिम है और आपत्तियों और अंतिम परिणाम पर निर्भर है।
अदालत ने पाया है कि सभी आवश्यक कानूनी आवश्यकताओं का पालन करने के बावजूद, चुनाव आयोग ने पार्टी के नाम परिवर्तन और प्रतीक आवंटन अनुरोध के जवाब में कोई कार्रवाई नहीं की है।
अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।