इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को पीएमएलए केस में जमानत दे दी है।
सिद्दीकी कप्पन को कुछ समय पहले ही यूएपीए मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनके खिलाफ दायर पीएमएलए मामले के कारण वह अभी भी जेल में थे। कप्पन करीब दो साल बाद जेल से बाहर आएंगे।
इसी साल अक्टूबर में इस मामले में लखनऊ की एक अदालत के सिद्दीकी कप्पन को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद सिद्दीकी कप्पन ने हाई कोर्ट में याचीका दाखिल की थी। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सिद्दीकी कप्पन जेल से रिहा हो जाएगा।
9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और अन्य संबंधित कानूनों के तहत दायर आतंकवादी मामले में सिद्दीकी कप्पन को पहले ही जमानत मिल गई थी, लेकिन वह लखनऊ में जेल में रहा क्योंकि पीएमएलए के मामले में उसे जमानत नहीं मिली थी|
अक्टूबर 2020 में यूपी पुलिस ने कप्पन और अन्य आरोपियों को तब गिरफ्तार किया था, जब वे हाथरस कांड के बाद वहाँ जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें मथुरा से गिरफ्तार किया था।
पुलिस के मुताबिक कि कप्पन कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े है और वे हाथरस में दंगे फैलाने की साजिश रचने के लिए जा रहे थे।
वहीं, कप्पन का कहना था कि हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे तभी रास्ते में उन्हें गिरफ्तार किया था। कप्पन आईपीसी की धारा 153ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 124ए (देशद्रोह), 120बी (साजिश), यूएपीए के तहत जेल में बंद थे।