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इमारतें बनाने के लिए हरे पेड़ों को काटना बुद्धिमानी नहीं, मद्रास HC ने कहा भूमि का हरित आवरण बनाना जरूरी

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मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में पेड़ों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की महत्ता पर जोर दिया। न्यायालय ने यह जोर देकर कहा कि इमारतों के निर्माण के लिए पेड़ काटना एक विवेकपूर्ण निर्णय नहीं है।
मदुरई बेंच के न्यायाधीश जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने इन टिप्पणियां अन्ना येशूदास द्वारा दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान व्यक्त कीं। याचिकाकर्ता यशुदास ने कन्याकुमारी जिला प्राधिकारियों के निर्णय का विरोध किया, जिसके तहत एक नई पंचायत भवन के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने के निर्देश दिए गए थे।

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने टिप्पणी की कि “जलवायु परिवर्तन के इस युग में, हमें हरित आवरण के लिए पेड़ बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। तो इमारत के निर्माण के लिए पेड़ों का काटना बेवकूफी होगी,” न्यायालय ने यह भी गौर किया कि याचिकाकर्ता ने कन्याकुमारी जिला कलेक्टर को एक प्रतिवेदन पत्र प्रस्तुत किया था, जिस पर स्थानीय निवासियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। किंतु डिवीजनल अधिकारी समेत तमाम अन्य अधिकारियों ने उनके प्रतिवेदन पर कोई संज्ञान नहीं लिया। आखिरकार यशुदास को न्यायालय जाना पड़ा।
इसके परिणामस्वरूप, न्यायालय ने जिला कलेक्टर को मामले पर निर्णय लेने के लिए आदेश दिया और उसे पंचायत भवन के निर्माण से पहले याचिकाकर्ता को सूचित करने का आदेश दिया।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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