केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीशों के पद पर 11 अतिरिक्त न्यायाधीशों की पदोन्नति की अधिसूचना जारी कर दी है।
इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि “भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, भारत के राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद, पंजाब और हरियाणा उच्च में 11 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हैं।”
इस अवसर पर कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इन न्यायाधीशों को शुभकामनाएं दीं है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा स्थायी नियुक्ति के लिए उनके नामों की सिफारिश भी की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना वाले कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से 11 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी। स्थायी नियुक्ति के लिए अनुशंसित न्यायाधीशों में जस्टिस निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह, हर्ष बंगर, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा और आलोक जैन हैं।
सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव में कहा गया है कि 20 मई, 2023 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से स्थायी नियुक्ति के लिए इन अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी। पंजाब और हरियाणा राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने भी इस सिफारिश पर सहमति जताई है। नियुक्ति प्रक्रिया में प्रक्रिया ज्ञापन का पालन किया गया और स्थायी नियुक्ति के लिए इन न्यायाधीशों की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से परामर्श किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने स्थायी नियुक्ति के लिए इन अतिरिक्त न्यायाधीशों की योग्यता और उपयुक्तता का गहन मूल्यांकन किया, जिसमें रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री की समीक्षा, परामर्शदाता-न्यायाधीशों की राय और निर्णय मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट शामिल थी।