ENGLISH

मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसलाः रेजिडेंसियल कम्पाउंड में कॉमन एरिया के मालिक फ्लैट मालिक, बिल्डर नहीं

Madras High Court

मद्रास हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि आवासीय फ्लैटों के विकास के दौरान “सामान्य क्षेत्र” के रूप में चिह्नित भूमि फ्लैट मालिकों की है, न कि बिल्डर की।  20 जनवरी को दिए गए एक फैसले में जस्टिस आर सुब्रमण्यन और जस्टिस के कुमारेश बाबू की पीठ ने चेन्नई मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी को निर्देश दिया कि वह अपार्टमेंट ब्लॉक के फ्लैट मालिकों के संघ को एक गैर-फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) भवन सौंपे।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एक बार भूमि को एक सामान्य क्षेत्र के रूप में दिखाया गया है और सामान्य सुविधा विकसित की गई है, तो भूमि ऐसी सामान्य सुविधा के मालिकों की होगी। यदि यूडीएस (अविभाजित शेयर) की गणना में कोई गलती है, तो इसे सुधारा जाना चाहिए। इसका मतलब यह नही की बिल्डर गलती का फायदा उठा ले और यह दावा कर सकता है कि खरीदारों को यूडीएस के बिना बिके हिस्से का भुगतान करना होगा।

दूसरी ओर बिल्डर ने तर्क दिया था कि मूल निर्माण योजना में अनजाने में “निरीक्षण” के माध्यम से भूमि का विवादित हिस्सा शामिल था। बिल्डर ने यह भी दलील दी कि गैर-एफएसआई भवन को भूमि के भूखंड के मूल मालिकों को सौंप दिया गया था और इसलिए, एसोसिएशन गैर-एफएसआई संरचना के स्वामित्व का दावा नहीं कर सकता था। हाई कोर्ट ने हालांकि बिल्डर की दलीलों को मानने से इनकार कर दिया।

Recommended For You

About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *