उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद बुधवार को योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है।
राज्य सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है। इसमें रिटायर्ड आईएएस चोब सिंह वर्मा, रिटायर्ड आईएएस महेन्द्र कुमार, भूतपूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और पूर्व अपर विधि परामर्शी व अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी को भी आयोग में शामिल किया गया है। आयोग निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। उस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करेगी।
दरसअल लखनऊ हाईकोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाते हुए साफ कहा निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएंगे। हाईकोर्ट ने कहा जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ट्रिपल टेस्ट न हो तब तक आरक्षण नहीं किया जाए। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 2017 के ओबीसी रैपिड सर्वे को नकार दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच आज उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर दाखिल याचीका पर फैसला सुनाया है। 24 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर दाखिल याचीका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
राज्य सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव के मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। सरकार ने कहा है कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए।